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किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021
(Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Amendment Bill, 2021)
विषय: किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021
अतिथि:
- इंदेवर पाण्डेय, सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
- यशवंत जैन, सदस्य, एनसीपीसीआर
विषय विवरण:
28 जुलाई को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक, यानि Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Amendment Bill, 2021 को पारित कर दिया है. इसमें बच्चों की देखभाल और गोद लेने से जुड़े मामलों में जिलाधिकारियों और अपर जिलाधिकारियों की भूमिका बढ़ाने का प्रावधान है. इस विधेयक को महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में पेश किया था. महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह विधेयक बच्चों के हितों की रक्षा के लिए लाया गया है. आगामी पीढ़ी की जरूरतों को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है. लोकसभा से यह विधेयक मार्च, 2021 में पारित किया गया थआ जिसे बुधवार को राज्य सभा की भक् मंजूरी मिल गई. इसके जरिये किशोर न्याय अधिनियम, 2015 में संशोधन किया गया है. विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों में जे जे अधिनियम की धारा 61 के तहत गोद लेने के मुद्दे के लिए जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को अधिकृत किया गया है ताकि ऐसे मामलों का तेजी से निपटारा किया जा सके और जवाबदेही तय की जा सके । जिला मजिस्ट्रेट को अधिनियम के तहत और अधिक अधिकार देते हुए कानून के सुचारू क्रियान्वयन का भी अधिकार दिया गया है जिससे संकट की स्थिति में बच्चों के पक्ष में समन्वित प्रयास किए जा सके। विधेयक में अपराधों की श्रेणी को लेकर भी नए प्रावधान हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि संशोधन विधेयक में बच्चों से जुड़े मामलों का तेजी से निस्तारण सुनिश्चित करने और जवाबदेही बढ़ाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को ज्यादा शक्तियां देकर सशक्त बनाया गया है. इस संशोधन विधेयक का लक्ष्य यह है कि हम सतर्क रहें ताकि प्रशासनिक ढांचे के माध्यम से बच्चों का संरक्षण किया जा सके। संशोधन के माध्यम से बच्चों के संरक्षण के ढांचे को जिलावार एवं प्रदेशवार मजबूत बनाने के उपाय किये गए हैं।
Courtesy: RSTV