फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम (Fragile X Syndrome) – करेंट अफेर्स


फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम (Fragile X Syndrome) – करेंट अफेर्स

fragile x syndrome symptoms
  • 2017 में, ऑटिज्म से प्रभावित दिल्ली में एक व्यक्ति ने 40 साल की उम्र में अपना पहला डीएनए(DNA) रक्त परीक्षण कराया।
  • उसमे फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम (एफएक्सएस) नाम की बीमारी पायी गयी ।
  • यह FMR1 नामक जीन में परिवर्तन के कारण होता है जो एक महत्वपूर्ण प्रोटीन (FMRP) बनाता है।
  • यह प्रोटीन मस्तिष्क के विकास के लिए अति आवश्यक है।
  • हालांकि भारत जैसे विशाल देश में इस बीमारी के बारे में न ही कोई जागरूकता है न ही कोई ऐसी तकनीक जिससे इसका इलाज़ हो सके।
  • फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम (एफएक्सएस) एक आनुवंशिक बीमारी है जो बच्चो में बौद्धिक और विकास संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।
  • इसे मार्टिन-बेल सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। एफएक्सएस को लड़कों में मानसिक विकलांगता के सबसे आम वंशानुगत कारणों में से एक माना जाता है।
  • विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका में 4,000 में से 1 पुरुष जबकि 8,000 में एक महिला इससे प्रभावित होती है। लड़कियों की तुलना में लड़कों में इसके लक्षण भी अधिक गंभीर दिखाई देते हैं।
  • विशेषज्ञों के मुताबिक एफएक्सएस से पीड़ित लोगों में आमतौर पर विकासात्मक और सीखने से संबंधित समस्याएं देखी जा सकती हैं।
  • यह रोग क्रोनिक यानी लंबे समय तक रहने वाला अथवा आजीवन भी हो सकता है।
  • जिन बच्चों का जन्म इस आनुवंशिक स्थिति के साथ होता है, उन्हें अन्य बच्चों की तरह सिखाने और उनके विकास में मदद करने के लिए विशेष शिक्षा और चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
  • दवाओं और इलाज के साथ अन्य माध्यमों के जरिए उनके व्यवहार और शारीरिक लक्षणों में सुधार किया जा सकता है।

फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम के कारण चीजों को सीखने में परेशानी, विकास संबंधी देरी और सामाजिक तथा व्यावहारिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। एफएक्सएस वाले लड़कों में आमतौर पर बौद्धिक विकलांगता के मामले देखने को मिलते हैं। लड़कियों में भी इस तरह की समस्याएं हो सकती हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में उनका बौद्धिक स्तर सामान्य ही रहता है। यदि परिवार में किसी सदस्य को पहले इस तरह की समस्या रह चुकी है तो दूसरे लोगों में भी इसका खतरा बढ़ जाता है।

एफएक्सएस वाले लोगों में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:

  • बच्चों का बैठने या चलने जैसी आदतों को सीखने में परेशानी
  • भाषा को समझने और बोलने में समस्या
  • हकलाना
  • चीजों से घबराना
  • प्रकाश या ध्वनि के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता
  • किसी चीज पर ध्यान देने में कठिनाई
  • लड़कों के व्यवहार में आक्रामकता और खुद को हानि पहुंचाना।

एफएक्सएस से ग्रसित कुछ लोगों में शारीरिक असामान्यताओं से संबंधित समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं :

  • माथे या कानों का सामान्य से बड़ा होना।
  • चेहरे का बहुत लंबा होना।
  • कानों, माथे और ठुड्डी पर उभार होना।
  • जोड़ों का कमजोर या बहुत लचीला होना।
  • तलवों का चपटापन।
  • अंडकोषों का बड़ा होना (यौवन के बाद)
  • एक्स गुणसूत्र पर स्थित एफएमआर1 नामक जीन में दोष के कारण फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम की समस्या होती है।
  • सेक्स क्रोमोसोम के दो प्रकारों में से ‘एक्स क्रोमोसोम’ एक है, जबकि दूसरे को वाई गुणसूत्र कहा जाता है। महिलाओं में दो एक्स क्रोमोसोम होते हैं, जबकि पुरुषों में एक एक्स क्रोमोसोम और एक वाई क्रोमोसोम होता है।
  • एफएमआर1 में होने वाला दोष या उत्परिवर्तन, उसे फ्रेजाइल एक्स मेंटल रेट्राडेशन 1 प्रोटीन का ठीक से निर्माण नहीं करने देता है।
  • तंत्रिका तंत्र के कामकाज को व्यवस्थित रखने में यह प्रोटीन विशेष भूमिका निभाता है।
  • वैसे तो इस प्रोटीन का वास्तविक कार्य स्पष्ट नहीं है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रोटीन की कमी के कारण एफएक्सएस जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
  • मां में एफएमआर1 जीन के परिवर्तन के कारण उनके बच्चों में एफएक्सएस का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है।
  • वहीं अगर इस जीन में परिवर्तन की समस्या पिता में है तो एफएक्सएस का खतरा सिर्फ बेटियों को होता है। इसके अलावा लड़कियों की तुलना में लड़कों को एफएक्सएस होने का खतरा अधिक होता है।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे का कारण लड़कियों में दो एक्स गुणसूत्रों का होना होता है।
  • यही कारण है यदि उनके एक एक्स गुणसूत्र में जीन परिवर्तन होता है फिर भी दूसरा एक्स गुणसूत्र सुरक्षित रहता है।
Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *