उत्तर प्रदेश में डिफेन्स कॉरिडोर (Defence Corridor in UP) – करेंट अफेयर्स

चर्चा में क्यों?
- बीते 14 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Modi) ने अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया।
- इसी के साथ प्रधानमंत्री ने डिफेंस कॉरिडोर(Defence Corridor) के अलीगढ़ नोड का भी उद्घाटन किया।
- इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा उद्योग के जरिए यहां के स्थानीय व्यापारियों और सूक्ष्म लघु एवं माध्यम उद्योग को फायदा मिलेगा।
क्या होता है रक्षा गलियारा(Defence Corridor)
- रक्षा गलियारा या डिफेन्स कॉरिडोर(Defence Corridor) केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। रक्षा गलियारा या डिफेंस कॉरिडोर एक गलियारा या रास्ता होता है, जिससे कई शहर गुजरते है।
- इन शहरों में सैन्य उपकरण या इनके निर्माण के लिए ज़रूरी वस्तुओं के निर्माण के लिए उद्योग विकसित किये जाते है।
- इनमे देशज और विदेशी मूल की कई कंपनियां शामिल होती हैं। इस कॉरिडोर में सार्वजनिक क्षेत्र , निजी क्षेत्र और लघु मध्यम और बड़े उद्योगों की कंपनियां हिस्सा लेंगी।
- इस गलियारे में वो सभी औद्योगिक संस्थान भी शामिल होते हैं जो कि सेना के सामानों का निर्माण करते हैं।
- रक्षा गलियारे के निर्माण के बाद यहां हथियारों से लेकर वर्दी तक के सामानों को बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में रक्षा गलियारे के अंतर्गत आने वाले शहर
- उत्तर प्रदेश में यह गलियारा अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर व लखनऊ में निर्मित किया जाएगा। इसका सबसे बड़ा हिस्सा झांसी में स्थापित होगा।
- यूपी विकास प्राधिकरण(UP Development Auth) की ओर से जमीन अधिग्रहण का काम भी किया जा रहा है। अलीगढ़ (Aligarh) में जो डिफेंस कॉरिडोर बना है वो व्यवसाय के हिसाब से काफी अहम् है।
- यह कॉरिडोर 1500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है।
रक्षा गलियारे में निर्मित वस्तुएं
- रक्षा गलियारे में ड्रोन, लड़ाकू विमान, बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलीकॉप्टर, तोप और उसके गोले, अलग-अलग तरह की बंदूकें आदि बनाए जाएंगे।
- इस तरह के कॉरिडोर से भारत न सिर्फ रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम को भी बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी।
- भारत में रक्षा निर्माण बढ़ाने और हथियार आपूर्तिकर्ता बनाने के लिए सरकार ने बीते वर्ष सितंबर माह में डिफेंस सेक्टर में 74 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दी है।
- आपको बता दे कि 74 फीसदी से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सरकार के ज़रिये अनुमति लेनी होगी।
- रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में डिफेंस कॉरिडोर काफी महत्वपूर्ण है।
- अभी भारत रक्षा क्षेत्र की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेश पर निर्भर है।
- अंतरार्ष्ट्रीय स्तर की रक्षा परियोजनाओं और हथियारों का उत्पादन होने के साथ ही इन रक्षा गलियारों के माध्यम से क्षेत्रीय उद्योगों का विकास होगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।