12 वां ब्रिक्स शिखर सम्म्मेलन


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17 नवंबर 2020 को आभासी तौर पर 12वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (12th BRICS Summit) रूस की मेज़बानी में आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की।

  • इस साल ब्रिक्स सम्मेलन का विषय था- “वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नवाचारी वृद्धि” (Global Stability, Shared Security and Innovative Growth)।
  • इस शिखर सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र की 75वीं सालगिरह के तहत COVID-19 महामारी के बीच किया गया।
  • इस सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने कुछ ख़ास मुद्दों पर चर्चा की जिनमे ख़ास तौर पर ये मुद्दे शामिल रहे।
  • इस सम्मलेन में सबसे अहम् मुद्दा रहा आतंकवाद। न सिर्फ भारत के लिए बल्कि दुनिया के कई बड़े देश इस समस्या से जूझ रहे हैं।
  • इस सम्मलेन में राज्य-प्रायोजित आतंकवाद (State-sponsored Terrorism) तथा आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों का मिलकर सामना करने की ज़रुरत पर बल दिया गया ।
  • इसके अलावा सम्मलेन में आतंकवाद के खिलाफ ही नहीं बल्कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले देशों पर भी ध्यान देने की बात कही गयी।
  • शिखर सम्मेलन के दौरान ‘ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी रणनीति’ (BRICS Counter-terrorism Strategy) को भी ब्रिक्स देशों के सामने दस्तखत के लिए रखा गया।
  • दुसरे अहम् मुद्दे के तौर पर शामिल रहा अंतररष्ट्रीया संस्थाओं में सुधार का मुद्दा।
  • भारत काफी आरसे से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत विश्व व्यापार संगठन (WTO), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) आदि में सुधारों की पैरवी करता रहा है। भारत ने हमेशा से ही इसमें ब्रिक्स देशों का सहयोग माँगा है ।
  • COVID-19 के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने सम्बन्धी मुद्दा भी ब्रिक्स सम्मलेन में चर्चा में रहा। दुनिया की तकरीबन 42 फीसदी आबादी ब्रिक्स देशों में रहती है।
  • इसे देखते हुए यह संगठन दुनिया की पूरी अर्थव्यवस्था का सबसे अहम् इंजन हैं। ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार बढ़ाने की बहुत गुंजाइश है, जो देशों को वैश्विक स्लोडाउन से उबरने में मदद कर सकता है।
  • भारत ने ‘आत्मनिर्भर अभियान’ की संकल्पना को भी ब्रिक्स देशों के साथ साझा किया । इस अभियान को महामारी के दौर में भारत ने बिगड़ते आर्थिक हालात को पटरी पर लाने के लिए अपनाया था।
  • इसका मकसद एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जिसके मदद से वैश्विक मूल्य श्रृंखला को पटरी पर लाया जा सके और भारत कोरोना महामारी के बाद दुनिया में एक आत्मनिर्भर और स्ववावलम्बी अर्थव्यवथा बनकर उभर सके।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COVID-19 महामारी से उबरने के लिये वैक्सीन के उत्पादन में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग की ज़रुरत पर बल दिया ।
  • भारत स्पुतनिक वी (Sputnik V) वैक्सीन के परीक्षण के लिये रूस के साथ बातचीत में संलग्न है और इस वैक्सीन के जल्द ही उत्तर प्रदेश में शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।
  • इस शिखर सम्मेलन में ‘ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी रणनीति’ को ब्रिक्स देशों के सामने दस्तखत के लिए रखा गया ।
  • इस रणनीति की समीक्षा का जिम्मा ब्रिक्स समूह के उच्च स्तरीय प्रतिनिधियों को दिया गया है गी, जबकि इसका कार्यान्वयन ब्रिक्स ‘आतंकवाद-निरोधी कार्य समूह’ (Counter-terrorism Working Group- CTWG) द्वारा किया जाएगा।
  • आतंकवाद-रोधी रणनीति का यह मसौदा ब्रिक्स देशों के बुनियादी पहलुओं पर आधारित है।
  • इनमे अंदरूनी मामलों में संप्रभुता और गैर-हस्तक्षेप का सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का अनुपालन तथा सुरक्षा मामलों में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका की मान्यता आदि शामिल हैं।
  • इसका मकसद सभी देशों द्वारा आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए बुनियादी कदम उठाना और आतंकी ठिकानों पर खुफिया जानकारी साझा करना है।
  • आतंकी गुटों को पनाह देने और उनको संसाधन और धन मुहैया कराने वाले देशों की पहचान कर उन पर रोक लगाने का प्रावधान किया जाना।
  • ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच कानून और नियमों को लचीला बनाना ताकि इनके बीच सहायता और प्रत्यपर्ण क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जा सके।
  • आतंकवाद और चरमपंथ को बढ़ावा देने वाली सूचनाओं को फैलने से रोकने पर रणनीति बनाना ताकि इंटरनेट और बाकी सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल आतंकी गुट अपने मतलब के लिए न कर पाएं ।
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