किगाली संशोधन (Kigali Amendment)
चर्चा मे क्यों :
- अमेरिकी सांसदों ने हाल ही में किगाली संशोधन की पुष्टि करने के लिए मतदान किया
- अमेरिका के लिए अंतर्राष्ट्रीय जलवायु संधि को अपनाने के लिए 30 वर्षों में यह पहली किया।
मुख्य बिंदु :
- अमेरिकी सीनेट ने 1987 मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल जलवायु संधि में 2016 किगाली संशोधन की पुष्टि की
- इसमे हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC) के उपयोग और उत्पादन को कम करने का निर्णय लिया।
- HFCs कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में गर्मी को पकड़ने में हजार गुना अधिक सक्षम हैं।
- उनके उत्सर्जन इस प्रकार ग्लोबल वार्मिंग को और बढ़ा रहे हैं।
- इन रसायनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने से वैश्विक तापमान को 0.5°C तक बढ़ने से रोका जा सकता है।
- देश में तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि के बीच एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन की मांग बढ़ी है
- इसके कारण अमेरिका ने 2018 और 2019 के बीच HFCs से उत्सर्जन में वृद्धि देखी थी।
- वर्तमान में, एक दर्जन से अधिक राज्यों ने HFCs पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- अमेरिका अब इस संशोधन की पुष्टि करने में 136 अन्य देशों और यूरोपीय संघ के साथ शामिल हो गया है।
किगाली संशोधन (Kigali Amendment):
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली संशोधन एक कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय समझौता है
- इसका उद्देश्य HFCs की खपत और उत्पादन को धीरे-धीरे समाप्त करना है।
- इस संशोधन के तहत, अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे विकसित देशों को 2036 तक HFCs के उत्पादन और खपत को 2012 के स्तर के लगभग 15 प्रतिशत तक कम करना चाहिए।
- भारत, पाकिस्तान, बहरीन, ईरान, सऊदी अरब और कुवैत जैसे दुनिया के सबसे गर्म देशों के एक छोटे समूह को 2028 तक HFCs का उपयोग बंद करना चाहिए।